शिवराज सिंह चौहान की हो गई विदाई, लेकिन जाते-जाते बना गए ये खास रिकॉर्ड

एमपी तक

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MP NEWS: मध्य प्रदेश में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री के पद पर रहने के बाद आज शिवराज सिंह चौहान ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. आज मध्य प्रदेश विधायक दल की बैठक के बाद नए मुख्यमंत्री के रूप में मोहन यादव को चुना गया है. आपको बता दें शिवराज सिंह चौहान ने जाते जाते एक रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. वे मध्य प्रदेश के सबसे ज्यादा लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले शख्स बन गए हैं.

आपको बता दें सीएम शिवराज को एक दिन पहले शायद इस बात का भान हो गया था कि अब उनकी विदाई तय है. यही कारण है कि उनके सोशल मीडिया पोस्ट से राम-राम कह दिया था. आपको बता दें मध्य प्रदेश में राम-राम शब्द का उपयोग अभिवादन और विदाई के रूप में किया जाता है.

शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश स्तर पर राजनीतिक करियर की शुरुआत 1990 में बुधनी विधानसभा सीट से की थी, तब वह यहां से चुन लिए गए थे. इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में विदिशा सीट से मैदान में उतरे और विजयी रहे थे. 1996 में लोकसभा चुनाव में वह फिर से विजयी हुए. 1998 में फिर से लोकसभा चुनाव कराया गया और वह इस चुनाव में भी जीत हासिल करने में कामयाब रहे. 1999 में 13वें लोकसभा चुनाव में सांसद बनने में कामयाब रहे. अपने संसदीय जीवन में वह कई समितियों के साथ भी जुड़े रहे.

मध्य प्रदेश में 2003 के विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें हार मिली. हालांकि पार्टी को तब बंपर जीत मिली थी. 2004 के लोकसभा चुनाव में शिवराज फिर से विदिशा से चुनाव जीत गए. इस बार वह 2.60 लाख से अधिक वोटों से जीते थे. इस बीच वह बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव भी बनाए गए.

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सबसे ज्यादा वक्त तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड

शिवराज सिंह चौहान के करियर में बड़ा बदलाव 30 नवंबर 2005 को आया जब वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. मुख्यमंत्री बनने के बाद बुधनी सीट पर कराए उपचुनाव में 36 हजार से अधिक वोटों से चुनाव जीत गए. फिर 2008 में उनकी पार्टी ने चुनाव जीता और वो दूसरी बार मुख्यमंत्री बने. 2013 के चुनाव में बीजेपी फिर से बहुमत के साथ सत्ता में लौटी और शिवराज ने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली. हालांकि 2018 के चुनाव में पार्टी बहुमत से दूर रह गई, लेकिन 2020 में दलबदल की वजह से वह फिर से सत्ता में लौट आए.

इस बार फिर शिवराज सिंह चौहान बुधनी से चुने गए थे, लेकिन इस बार उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया है.

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