MP: मोहन सरकार के फैसले से नाराज होकर राजधानी की सड़कों पर उतरे हजारों सरपंच, दे दी बड़ी चेतावनी

रवीशपाल सिंह

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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सरकार के फैसले से नाराज सरपंचों ने राजधानी भोपाल की की सड़कों पर अपनी ताकत दिखाई.

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सरपंचों ने अपनी 24 सूत्री मांगों को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन किया.

MP Politics News: सरकार के फैसले से नाराज सरपंचों ने राजधानी भोपाल की की सड़कों पर अपनी ताकत दिखाई. दरअसल मध्य प्रदेश सरकार के फैसले से प्रदेश के सरपंच नाराज हैं और यही वजह है कि हजारों सरपंच राजधानी भोपाल की सड़कों पर उतर गए. प्रदेश के सरपंचों ने अपनी 24 सूत्री मांगों को लेकर जबरदस्त प्रदर्शन किया और सरकार को चेतावनी दी कि अगर सरकार ने मांगें नहीं मानीं तो एमपी की पंचायतों में तालाबंदी हो जाएगी. 

सरकार की ओर से मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल सरपंचों से मुलाकात करने और मनाने पहुंचे, लेकिन ये मुलाकात विफल साबित हो गई. शाम करीब 5 बजे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी प्रदर्शन स्थल पहुंचे और सरपंचों की मांगों का समर्थन किया. जीतू पटवारी ने सरपंचों को 20 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन देने की मांग की. 

24 सूत्री मांगों को लेकर सरपंचों का प्रदर्शन

सरपंच संघ सीएम से मुलाकात करना चाह रहे थे, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया. उसके बाद नाराजगी और बढ़ गई. पहली चेतावनी दी थी सरपंच संघ ने कि अगर सरकार ने मांगें नहीं मानी तो वो राजधानी में बड़ा प्रदर्शन करेंगे और यही वजह है कि हजारों की संख्या में यहां सरपंच जुटे और बड़ा प्रदर्शन किया. सरपंच सीएम आवास का घेराव करने जा रहे थे, लेकिन उन्हें रोक दिया गया. 

24 सूत्री मांग हैं, उसको लेकर के प्रदेश भर के पूरे सरपंच भोपाल में एकत्रित हुए हैं. सरपंचों का कहना है कि सरकार के द्वारा विधानसभा चुनाव हो गए लोकसभा चुनाव हो गए, परंतु ग्राम पंचायत की ओर बराबर ध्यान नहीं दिया गया एवं कई नियम नियमों में बदलाव किए गए जो जनता के हित में नहीं हैं. सरपंचों का कहना है कि हमने जो जनता से वादे किए हैं,  हम कहीं ना कहीं उनको पूरा नहीं कर पा रहे हैं और जनता के सामने सरपंच झूठा पाया जा रहा है. 

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मनरेगा को लेकर नाराज हैं सरपंच

सरपंचों की मुख्य मांगे पंचायतों को आर्थिक तौर पर मजबूत करने से जुड़ी हुई हैं. साथ ही मनरेगा का पेमेंट रोक देना भी सरपंचों की नाराजगी की बड़ी वजह है. दरअसल, सरकार ने अपने आदेश में गांव में मनरेगा के माध्यम से होने वाले भुगतान पर रोक लगाई है. सरकार का यह मानना था कि कई जिलों में मनरेगा के पेमेंट में जो मजदूरों को भुगतान किया गया, उसमें गड़बड़ी हुई है. इसलिए अब जो पंचायत से पेमेंट होता था, उस पेमेंट को रोका गया और एक बात और कही गई आदेश में कि जो पेमेंट होगा उसके पहले ऑडिट की जाएगी, जांच की जाएगी, परखा जाएगा. क्योंकि कई जिलों में शिकायत मिली थी, यही वजह है कि सरपंच एक तो इस बात को लेकर अड़े हुए हैं कि उनके अपनी ही पंचायतों में भुगतान ना होने से वहां के मजदूर नाराज हैं.

फिलहाल सरपंच संघ ने 15 दिन का अल्टीमेटम देकर प्रदर्शन खत्म करने का ऐलान कर दिया है. 

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