CM मोहन यादव ने लगा दी सीनियर अफसरों की मनमानी पर लगाम, विभागीय मंत्रियों की करना होगी पूछ-परख
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न्यूज़ हाइलाइट्स
सीएम मोहन यादव ने अफसरों की मनमानी पर लगाम लगा दी है.
सीएम मोहन यादव ने दखल देकर सीनियर अफसरों और विभागीय मंत्रियों के बीच समन्वय बनाने की कोशिश की है.
CM Mohan Yadav: सीएम मोहन यादव ने अफसरों की मनमानी पर लगाम लगा दी है. मध्यप्रदेश की ब्यूरोक्रेसी के कुछ बड़े अफसरों को चेताया गया है कि कैबिनेट में जो भी प्रस्ताव आएंगे, उनका अनुमोदन लिखित रूप से विभागीय मंत्रियों से लेना होंगा. सिर्फ मौखिक रूप से बताने से काम नहीं चलेगा.
सीएम मोहन यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि कैबिनेट मीटिंग में जो भी फाइनल एजेंडा आएगा, उसे पहले विभागीय मंत्रियों को दिखाना होगा, उनकी सहमति लेना होगी और उनकी रजामंदी के बाद ही संबंधित एजेंडा को कैबिनेट मीटिंग में रखा जाएगा. ऐसा सीएम मोहन यादव को इसलिए करना पड़ा क्योंकि हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में दो ऐसे मामले आए जिसके बाद सीएम मोहन यादव को ये फैसला लेना पड़ा.
दरअसल पहला विवाद सामने आया नगर पालिका और परिषद अध्यक्ष को अविश्वास से हटाने के फैसले में सीनियर सेक्रेटरी की कमेटी द्वारा कुछ बदलाव करने और इसके लिए विभागीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को विश्वास में नहीं ले पाना. इसमें जो बदलाव किए गए, उनसे मंत्री कैलाश विजयवर्गीय संतुष्ट नहीं थे और अनभिज्ञ भी थे. वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग में 364 पदों पर भर्ती का मामला था, जिस पर वित्त विभाग द्वारा आपत्ति लगाई जा रही थी. बाद में सीएम के दखल के बाद विभागीय इस मंत्री की मांग को पूरा किया गया.
कौन होता है सीनियर सेक्रेटरी की कमेटी में
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पांच अपर मुख्य सचिवों की सीनियर सेक्रेटरी कमेटी बनती है जो कैबिनेट में जाने वाले एजेंडे को तैयार करती है. कुल मिलाकर सीएम मोहन यादव ने इस मामले में दखल देकर सीनियर अफसरों और विभागीय मंत्रियों के बीच समन्वय बनाने की कोशिश की है, जिससे किसी तरह के भी विवादों से बचा जा सके.
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