Mohan Cabinet Expansion: रामनिवास रावत को 2 बार क्यों लेनी पड़ी मंत्री पद की शपथ? हो गई ये बड़ी गलती

रवीशपाल सिंह

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रामनिवास रावत को 2 बार लेनी पड़ी मंत्री पद की शपथ
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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रामनिवास रावत को 2 बार लेनी पड़ी मंत्री पद की शपथ

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पहले उनके मुंह से शपथ लेते समय राज्य मंत्री निकल गया जिसके बाद दोबारा शपथ दिलवाई गई

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दूसरी बार शपथ में 'मध्यप्रदेश राज्य के मंत्री' बुलवाकर शपथ दिलवाई गई

Mohan government second cabinet expansion: मध्य प्रदेश की मोहन सरकार का आज सुबह-सुबह दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार किया गया. मंत्री पद की शपथ के दौरान रामनिवास रावत से बड़ी गलती हो गई. जिसके कारण दोबारा शपथ ग्रहण का कार्यक्रम कराना पड़ा. दरअसल रामनिवास रावत को कैबिनेट मंत्री की शपथ लेनी थी. लेकिन, रामनिवास रावत ने राज्य मंत्री की शपथ ले ली. बाद में राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने दोबारा रामनिवास रावत को शपथ दिलाई.

जानकारी के मुताबिक रामनिवास रावत को 2 बार मंत्री पद की शपथ लेनी पड़ी है. पहले उनके मुंह से शपथ लेते समय राज्य मंत्री निकल गया. जिसके बाद दोबारा शपथ दिलवाई गई.  दूसरी बार शपथ में 'मध्यप्रदेश राज्य के मंत्री' बुलवाकर शपथ दिलवाई गयी. अब मोहन कैबिनेट में कुल 31 मंत्री हो गए हैं, 3 मंत्री पद अभी भी खाली हैं. एमपी सरकार की कैबिनेट में में कुल 34 मंत्री बन सकते हैं.

रामनिवास रावत को सुबह करीब 9.05 बजे बतौर कैबिनेट मंत्री शपथ लेनी थी, लेकिन राज्यमंत्री पद की शपथ ले ली. इसके बाद उनको करीब 9.20 बजे कैबिनेट मंत्री की शपथ लेनी पड़ी. समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव समेत कुछ चुनिंदा नेता ही शामिल हुए.

CM मोहन ने रामनिवास रावत को दी बधाई

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राम निवास रावत को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ग्रहण करने पर नए दायित्व के लिए उन्हें बधाई दी है. CM ने कहा कि मंत्रिमंडल में नए सदस्य का आगमन हुआ है. रावत सार्वजनिक जीवन में लंबे समय से सक्रिय रहे सक्रिय हैं, वे चंबल अंचल के श्योपुर जैसे विकास की संभावना वाले जिले को प्रभावी प्रतिनिधित्व प्रदान कर रहे हैं. कैबिनेट मंत्री होने के नाते उनके अनुभव का लाभ पूरे मंत्रिमंडल और सभी प्रदेशवासियों को मिलेगा.

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कौन हैं रामनिवास रावत?

रामनिवास रावत विजयपुर सीट से 6 बार के विधायक हैं. इसके अलावा दिग्विजय सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं, इसके अलावा वह पूर्व वह पूर्व केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के के सामने कांग्रेस से ही सांसदी का चुनाव भी लड़ चुके हैं. प्रदेश की राजनीति में अपना दबदबा बनाने वाले रामनिवास ओबीसी नेता के रूप में बड़ा चेहरा हैं और वे प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उनकी नाराजगी का मुख्य कारण कांग्रेस आलाकमान द्वारा अनदेखी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ना बनाया जाना भी माना गया.   

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