मुश्किल में MP के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, सुप्रीम कोर्ट ने 9 साल पुराने इस केस की जांच SIT को दी

हेमेंदर शर्मा

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सागर के गोविंद सिंह राजपूत एक केस में फंसते नजर आ रहे हैं.
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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सागर जिला निवासी मान सिंह पटेल साल 2016 में लापता हो गए थे

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आरोप है कि ओबीसी नेता की जमीन कथित तौर पर गोविंद सिंह ने हड़पी थी

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सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी से जांच कराने के दिए निर्देश, आईजी करेगा हेड

MP News: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) को सागर जिले के मान सिंह पटेल के लापता होने के केस की जांच एसआईटी से कराने के निर्देश दिए हैं. मान सिंह पटेल 2016 में लापता हो गए थे, जब उनकी जमीन कथित तौर पर मोहन सरकार के कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत द्वारा हड़प ली गई थी. राजपूत पहले कमल नाथ सरकार में मंत्री थे और मार्च 2020 में सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए थे.

आईपीएस अधिकारी हों और मूल रूप से एमपी के न हों: SC  

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि एसआईटी का नेतृत्व पुलिस महानिरीक्षक (IG) रैंक के अधिकारी द्वारा किया जाना चाहिए. एसआईटी में एक एसपी रैंक का अधिकारी और एक अतिरिक्त एसपी रैंक का अधिकारी सदस्य होना चाहिए. तीनों अधिकारी एमपी कैडर के सीधे आईपीएस अधिकारी होने चाहिए, लेकिन उनका मूल राज्य से बाहर का होना चाहिए. एसआईटी को चार महीने के भीतर सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट देनी है.

शीर्ष कोर्ट ने पीड़ित पक्ष या गुमशुदा नेता के परिवार को कहा है कि जांच के बाद सख्त कदम न उठाने पर या फिर जरूरत पड़ने पर वो कोर्ट में आ सकते हैं और अपनी परेशानी बता सकते हैं.  

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गोविंद सिंह पर जमीन हड़पने का आरोप

बता दें कि मानसिंह पटेल की जमीन सागर जिले में थी. आरोप है कि मौजूदा राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत उस पर काबिज हैं. राजपूत जब जमीन पर कब्जा कर रहे थे तब मानसिंह पटेल ने 2016 में सिटी मजिस्ट्रेट, रेवेन्यू डिपार्टमेंट और संबंधित थाने में नामजद शिकायत की थी. तब पटेल ने यह आशंका भी जताई थी कि उसकी जान को मंत्री गोविंद राजपूत से खतरा है. इसके बाद से मान सिंह पटेल साल 2016 में लापता हैं.

सिंधिया के समर्थक माने जाते हैं गोविंद सिंह राजपूत

बता दें कि गोविंद सिंह राजपूत, ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ BJP में शामिल होने से पहले कमलनाथ सरकार में परिवहन और राजस्व विभाग संभालने वाले कैबिनेट मंत्री थे. राजपूत मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में 21 विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके कारण कांग्रेस सरकार गिर गई थी. वह शिवराज सरकार में भी मंत्री रहे और अब मोहन यादव सरकार में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्रालय संभाल रहे हैं.

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