CM शिवराज से पैर धुलवाने वाले दशमत ने कहा- मेरे ऊपर नहीं किया था किसी ने पेशाब, जानिए पूरा सच

हरिओम सिंह

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Sidhi Urination Case: सीधी में हुए पेशाबकांड ने जहां पूरे देश में हलचल मचा दी, यह खबर सोशल मीडिया से लेकर टीवी चैनल की सुर्खियां बनी हुई है. अब इस कांड के पीड़ित दशमत रावत को लेकर सोशल मीडिया में एक नई अफवाह उड़ रही है. बताया जा रहा है कि वीडियो में दिख रहा शख्स दशमत रावत नही है, जबकि इस वीडियो में दशमत के होने की पुष्टि खुद सीधी कलेक्टर, पुलिस अधिक्षक के साथ ही उसके चचेरे भाई और सरपंच ने की है और उन्होंने इस खबर को अफवाह और भ्रामक बताया है.

असल में, रविवार को एमपी कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से एक वीडियो पोस्ट किया गया, जिसमें दशमत रावत बता रहा है कि पेशाब कांड का पीड़ित वह नहीं है. जिस व्यक्ति पर पेशाब किया गया, वह कोई और है. इस पर कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए वीडियो ट्वीट किया और लिखा- ‘सीधी पेशाब कांड में बड़ा खुलासा, शिवराज ने किसी और के पांव धोने की नौटंकी की, असली पीड़ित लापता हैं क्या? शिवराज जी, इतना बड़ा षड्यंत्र? मध्यप्रदेश आपको माफ नहीं करेगा.’

सुबह से घर पर नहीं है दशमत रावत
वहीं दशमत रावत ने ही खुद एमपी तक को बताया था कि पेशाब कांड वाला वीडियो पुराना है, लेकिन घटना उसी के साथ हुई है. ताजा खबर ये आ रही है कि दशमत रावत अपने घर में नहीं है, सुबह से उसका पता नहीं है. इसकी तस्दीक एमपी तक की टीम ने खुद ही की है और पुष्टि की है.

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सरकार ने की डैमेज कंट्रोल की कोशिश
सीधी पेशाब कांड ने पूरे देश में हलचल मचा दी, इस मुद्दे में राजनीतिक पार्टियां भी अपना वोट बैंक साधने और पीड़ित के समर्थन में उतर आई हैं. कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने एमपी की शिवराज सरकार को आदिवासी और दलित विरोधी घोषित कर दिया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डैमेज कंट्रोल करने के लिए पीड़ित से माफी मांगी और सीएम हाउस बुलाकर उसके पैर धोकर दाग धोने का प्रयास किया, उसकी आर्थिक तंगी को दूर करने उसकी 6 लाख 50 हजार रुपए देकर उसकी मदद भी की.

दशमत के भाई ने कहा- वो खुद नहीं समझ पाता कि वो क्या बोल रहा है
सोशल मीडिया से लेकर देश के तमाम चैनलों की सुर्खियां बन रहा है ये कांड. लेकिन अब इस मुद्दे के पीड़ित दशमत को लेकर एक अलग ही खबर चलाई जा रही कि वीडियो में दिख रहा शख्स पीड़ित दशमत नहीं है. उनका कहना है की ऐसा खुद दशमत ने कहा है. जबकि ये सही नहीं है. वीडियो में दिख रहा शख्स दशमत ही है, इसकी पुष्टि खुद सीधी कलेक्टर साकेत मालवीय, पुलिस अधिक्षक रविंद्र वर्मा के साथ साथ उसके चचेरे भाई दिनेश रावत और गांव के सरपंच गंगा प्रसाद साहू ने की है. दशमत के चचेरे भाई का कहना है की वो ज्यादा पढ़ा लिखा नही है, इसलिए वो क्या कह रहा है खुद नही समझ पाता.

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एसपी ने की पुष्टि
इस मामले को लेकर सीधी के पुलिस अधीक्षक (SP) रविंद्र कुमार वर्मा ने MP तक को बताया, कुबरी गांव में हुई अपमानजनक घटना के पीड़ित यानी दशमत रावत को ही मुख्यमंत्री आवास में ले जाकर सम्मान दिलाया गया था. मतलब सोशल मीडिया में चल रही इन अफवाहों का खंडन करते हुए एसपी ने विराम लगा दिया है.

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कलेक्टर ने भी किया खंडन
सीधी के जिला कलेक्टर साकेत मालवीय ने भी कहा, वायरल वीडियो मामले में कतिपय कुछ न्यूज़ चैनलों,मीडिया ग्रुप्स में यह भ्रामक खबर चलाई जा रही है कि वीडियो में दिख रहा पीड़ित व्यक्ति दशमत रावत नहीं है. जबकि पुलिस विवेचना में पुष्टि की जा चुकी है कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति दशमत रावत ही है.

खुद दशमत कर चुका है पुष्टि
खुद पीड़ित दशमत रावत ने ही इसकी पुष्टि की थी… पीड़ित के अनुसार, ”यह घटना साल 2020 की है. मैं शराब के नशे में था. मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था. मैंने यह भी नहीं देखा कि मुझ पर पेशाब करने वाला शख्स कौन है? जब यह वीडियो वायरल हुआ तो मुझे थाने और फिर कलेक्टर साहब के पास ले जाया गया. जहां मैंने बार-बार झूठ बोला कि वीडियो में प्रताड़ित होने वाला शख्स मैं नहीं हूं. लेकिन जब आरोपी प्रवेश शुक्ला ने खुद अपराध कुबूल कर लिया तब मुझे विश्वास हुआ.”

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