Pune Porsche Car Accident Update: पुणे में हिट एंड रन केस को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. इस केस में नाबालिग आरोपी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. जमानत की अर्जी नाबालिग की चाची की तरफ से कोर्ट में दाखिल की गई थी. बाम्बे हाईकोर्ट की डबल बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए नाबालिग को जमानत देने का बड़ा फैसला सुनाया. साथ ही कोर्ट ने नाबालिग आरोपी की हिरासत को अवैध करार दिया है.
ADVERTISEMENT
पुणे एक्सीडेंट केस की चर्चा उस वक्त शुरू हुई थी, जब दो लोगों को अपनी कार से उड़ाने वाले नाबालिग रईसजादे को जुवेनाइल कोर्ट ने महज एक निबंध लिखने की शर्त पर छोड़ दिया था? किशोर न्यायालय की तरफ से जुविनाइल बोर्ड से संशोधन की बात आई थी. आरोपी 17 साल का नाबालिग है, जिसका नाम विशाल अग्रवाल है. विशाल पुणे के अमीर परिवार से आता है. बाद में कोर्ट ने इस मामले को संज्ञान में लिया और पुलिस ने मामले में आरोपी और उसके घर वालों को गिरफ्तार कर लिया था.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुणे पोर्श कार एक्सीडेंट मामले में नाबालिग आरोपी को जमानत देने की सूचना जैसे ही मृतक की मां तक पहुंचीं वह रो पड़ीं. दरअसल, कोर्ट ने कहा कि नाबालिग आरोपी की हिरासत गैरकानूनी है. जिसे सुनकर मृतका अश्विनी की मां ने कहा ऐसी उम्मीद नहीं थी और वह रो पड़ीं.
काेर्ट ने हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया
हाईकोर्ट ने इस हादसे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. कोर्ट ने परिवार की पीड़ा पर बात की, साथ ही दूसरे पक्ष पर सवाल उठाए, कहा कि आरोपी नाबालिग को सुधार गृह भेजने का क्या औचित्य है? पहले हिरासत में लेना हिरासत में लेने के बाद छोड़ देना. किशोर न्यायालय की तरफ से जमानत मिल जाना और फिर संशोधन की बात हाईकोर्ट तक न आना. कोर्ट का यह मानना था कि इस तरीके से सुधार गृह में रखना गलत है. और कोर्ट ने 'चाइल्ड इन कॉन्फ्लिक्ट विथ ला' पर चर्चा करने के बाद उसको रिलीज करने के आदेश दिए तो चर्चा के बाद बाम्बे हाईकोर्ट में जजों की डबल बेंच ने यह बड़ा फैसला सुनाया.
ये भी पढ़ें: मोहन यादव को अचानक आ गया दिल्ली से बुलावा, कैबिनेट के बाद 5 दिन में दूसरी बार दिल्ली पहुंचे CM
सिलसिलेवार जानिए पूरा मामला
• 19 मई को कल्याणी नगर में पोर्श कार ने एक बाइक को टक्कर मारी थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी.
• हादसे में बाइक सवार दो आईटी इंजीनियरों की मौत हो गई थी और दोनों मृतकों की पहचान अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा के रूप में हुई थी जो दोनों जबलपुर मध्य प्रदेश से थे.
• हादसे के 15 घंटे के बाद किशोर को जमानत मिल गई थी. किशोर न्याय बोर्ड द्वारा जमानत के लिए जिन शर्तों को रखा था, उनकी चर्चाएं देशभर में हुईं थीं और हर किसी ने उस पर सवाल उठाया था.
* किशोर को दुर्घटना पर 300 शब्दों का निबंध लिखने को कहा गया था उसके साथ 15 दिन ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने को कहा गया था .इसके अलावा उसे शराब की लत छुड़ाने की नसीहत दी थी.
• जब देश भर में इस फैसले पर सवाल उठे तो किशोर न्याय बोर्ड ने अपने आदेश में संशोधन करते हुए नाबालिग को संप्रेक्षण गृह भेज दिया था.
• पुणे पोर्श मामले में किशोर के खून की अदला-बदली के लिए रिश्वत की रकम किशोर न्याय बोर्ड में दी गई थी.
ये भी पढ़ें - Khargone: नदी में नहाते हुए डूबने लगे युवक, दोस्तों ने मौत के मुंह से निकाला, VIDEO हुआ वायरल
इनपुट- एमपी तक के लिए वरुल चतुर्वेदी
ADVERTISEMENT