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MP News: BJP विधायक Priyanka Meena के 'रंगदार' देवर को कब जेल भेजेगी बीजेपी सरकार?

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बीजेपी विधायक के देवर पर केस दर्ज
बीजेपी विधायक के देवर पर केस दर्ज
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MP News : मध्य प्रदेश के गुना में बीजेपी विधायक प्रियंका मीना और उनके देवर अनिरुद्ध मीना पर गंभीर आरोप लगे है. जिसके बाद से ही सियासत गर्माई हुई है. गुना में कृषि विभाग के उपसंचालक अशोक उपाध्याय को बंधक बनाकर 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में कांग्रेस लगातार सवाल खड़े कर रही है. विरोध के बाद अनिरुद्ध मीना पर दो दिन बाद चाचौड़ा थाने में FIR दर्ज क़ी गई है. अब कांग्रेस सवाल उठा रही है कि पुलिस आखिर कब विधायक के देवर को गिरफ्तार करेगी.

एक तरफ जहां पीएम मोदी कहते हैं कि " ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह नारा 2014 के बाद कई दफा चर्चाओं में आया है. खासकर तब जब भारतीय जनता पार्टी का कोई नेता करप्शन के मामले में पकड़ा जाता है. या कोई करप्ट नेता या जिसके ऊपर करप्शन के चार्जेस हो. वह अपनी पार्टी को छोड़ कर भारतीय जनता पार्टी में जब शामिल हो जाता है. अब हर कोई BJP पर सवाल उठा रहा है.

दो दिन बाद केवल मामला दर्ज

चाचौड़ा विधानसभा सीट से विधायक प्रियंका मीना के ऊपर एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के डेप्युटी डायरेक्टर ने आरोप लगाया है. कि, प्रियंका मीना और उनके देवर ने उनको अपने ऑफिस में बुलाया. वहां पर विधायक के देवर ने बंदी बनाया इसके साथ ही फोन भी छीन लिया. साथ ही 50 लाख रूपये की रंगदारी भी मांगी है. रंगदारी नहीं देने पर विधानसभा में सवाल लगाने की बात भी कही है. विधायक के देवर के चंगुल से छूटने के बाद डेप्युटी डायरेक्टर ने एसपी से शिकायत की है. जिसके बाद अभी तक केवल मामला दर्ज किया गया है.

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हालांकि अभी तक न तो पुलिस की तरफ से विधायक के देवर को गिरफ्तार करने का प्रयास किया गया. न ही किडनेपिंग जैसी धाराएं केस में जोड़ी गईं हैं. अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है.

 दूसरी तरफ दिग्विजय सिंह लगातार इस मामले पर सवाल खड़े कर रहे हैं. आज सुबह दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर ज्योतिरादित्य सिंधिया का विधानसभा चुनाव के समय का एक वीडियो शेयर कर सवाल खड़े किए हैं. 

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केस के नाम पर खाना पूर्ति

अनिरुद्ध मीना के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसके अलावा और कुछ छोटी-मोटी धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. लेकिन, एक्सटॉर्शन के लिए अभी भी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है और ना ही प्रियंका मीना के खिलाफ कोई मामला दर्ज हुआ. पुलिस ने अनिरुद्ध मीना समेत एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ धारा 353, 347, 342, 294, 506, 36 के तहत FIR दर्ज कर ली है. अधिकारी की माने तो पुलिस ने राजनीतिक रसूख के चलते केस में केवल खानापूर्ति की है. 

सिंधिया ने भी कही थी कार्रवाई की बात

पीड़ित अधिकारी अशोक उपाध्याय ने बताया कि "उन्हें रंगदारी वसूलने के लिए किडनैप किया गया था. पैसों के बदले जान से मारने क़ी धमकी दी गई". इस मामले में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आवाज़ उठाते हुए कहा, "किसी का भी रिश्तेदार हो, उसे बक्शा नहीं जाएगा. यदि उनका खुद का रिश्तेदार भी गलत काम करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सही सही होता है और गलत गलत होता है". सिंधिया ने सख्त लहजे में खाद क़ी कालाबाज़ारी करने माफिया करार दिया है.

 

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